राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान 2024 से सम्मानित होंगी डॉ. कुमुदिनी द्विवेदी
डॉ कुमुदिनी द्विवेदी जांजगीर चांपा- नारी शक्ति का अद्भुत अद्वितीय अप्रतिम स्वरूप।
नारी शक्ति की अनमोल प्रतीक, समाज सेवा की अप्रतिम साधिका और शिक्षा, साहित्य, पर्यावरण संरक्षण तथा महिला सशक्तिकरण के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने वाली डॉ. कुमुदिनी द्विवेदी को राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान 2024 से अलंकृत किया जाएगा। यह भव्य और ऐतिहासिक आयोजन *07 दिसंबर 2024, शनिवार को लिंगया ललिता देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंसेज, मंडी रोड, छतरपुर के पास, नई दिल्ली में आयोजित होगा।*
इस विशेष अवसर पर मुख्य अतिथि गजेंद्र चौहान, प्रसिद्ध अभिनेता और ऐतिहासिक टेलीविजन सीरियल महाभारत में युधिष्ठिर की भूमिका के लिए विख्यात, अपने कर-कमलों से यह सम्मान प्रदान करेंगे। यह आयोजन न केवल डॉ. द्विवेदी की असाधारण उपलब्धियों को सम्मानित करेगा, बल्कि समाज को यह संदेश देगा कि नारी के योगदान की पहचान उसकी सीमाओं से परे होती है।
डॉ. कुमुदिनी द्विवेदी का जीवन सामाजिक, शैक्षिक, और साहित्यिक उत्थान की अविरल यात्रा का प्रतीक है। जांजगीर-चांपा में जिला शिक्षा अधिकारी और जिला साक्षरता अधिकारी के रूप में उनकी सेवाएं शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हुईं। उनकी नेतृत्व क्षमता ने शैक्षणिक नवाचारों को नई दिशा दी और वंचित वर्ग को शिक्षा के मुख्यधारा में जोड़ा।
डॉ. द्विवेदी को महामहिम राज्यपाल पुरस्कार, विद्या वाचस्पति पीएचडी सम्मान, राष्ट्रीय गुरु गौरव अलंकरण, महिला बाल विकास विभाग द्वारा जिला स्तरीय महिला प्रतिभा सम्मान, नारी शक्ति सम्मान, और छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट यूनियन द्वारा राज्य स्तरीय नारी प्रतिभा सम्मान 2024 सहित अनेक प्रतिष्ठित सम्मानों से अलंकृत किया जा चुका है।
डॉ. कुमुदिनी द्विवेदी ने बालिका शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए अथक परिश्रम किया। उनके प्रयासों से अनेकों बालिकाओं को शिक्षा का अधिकार मिला, और उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित किया। लायनेस क्लब चांपा की अध्यक्ष और सचिव के रूप में उन्होंने नारी शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षण के क्षेत्र में अनवरत कार्य किया। उनके नेतृत्व में अनेक योजनाएं शुरू हुईं, जिन्होंने महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाया।
शिक्षा और समाज सेवा के साथ-साथ डॉ. द्विवेदी का साहित्यिक योगदान भी अनुकरणीय है। उनकी पुस्तकों और लेखों ने शिक्षा और समाज में एक नई सोच को प्रोत्साहन दिया। उनके साहित्य में नारी शक्ति, मानवीय मूल्यों, और पर्यावरण संरक्षण का स्पष्ट संदेश मिलता है। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी उनके कार्य प्रेरणादायक रहे हैं, जहाँ उन्होंने जन-जागरण अभियानों से समाज को हरित भविष्य की ओर प्रेरित किया।
समाज के लिए आदर्श
डॉ. कुमुदिनी द्विवेदी का जीवन इस बात का साक्षी है कि यदि नारी अपने संकल्प और परिश्रम से समाज के कल्याण में लग जाए, तो वह असंभव को भी संभव कर सकती है। उनकी मेहनत और समर्पण हर नारी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनका जीवन एक आदर्श प्रस्तुत करता है कि शिक्षा, सेवा, और साहित्य से समाज को बदलने की शक्ति हर नारी के भीतर विद्यमान है।
उनके इस सम्मान पर चांपा निराला साहित्य मंडल, निराला महिला मंडल, अक्षर साहित्य परिषद, समस्त शैक्षणिक संस्थान चांपा, और लायंस-लायनेस क्लब चांपा ने हर्ष व्यक्त किया है। विभिन्न सामाजिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्थाओं ने उन्हें बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
डॉ. कुमुदिनी द्विवेदी का यह सम्मान केवल उनकी उपलब्धियों का विवरण नहीं है, बल्कि यह हर उस नारी का सम्मान है जो समाज की भलाई के लिए अपने सपनों को हकीकत में बदलने का साहस करती है। उनका जीवन और कर्म नारी शक्ति का अद्वितीय उदाहरण है।