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रावत नाच लोकनृत्य छत्तीसगढ़ की लोक परंपरा को और भी समृद्ध बनाता है- रेवती नंदन पटेल

ब्लाक रिपोर्टर सक्ती- उदय मधुकर 

सक्ती : सक्ती शहर में कल 11 दिसंबर से सक्ती जिले की सुप्रसिद्ध रौताही मेले की शुरुआत हो रही है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है इस मेले की विशिष्ट पहचान छत्तीसगढ़ी लोक नृत्य परंपरा को समृद्ध बनाने वाली रावत नाच लोक नृत्य परंपरा से जुड़ी हुई है। इधर छत्तीसगढ़ महतारी की आंचल को समृद्ध बनाने वाली रावत नाच लोकनृत्य से वर्तमान की युवा पीढ़ी भी जुड़ी हुई है। इस संबंध में टेमर निवासी रेवती नंदन पटेल ने बताया कि रौताही मेला का सक्ती में प्राचीन व लंबा इतिहास रहा है। रौताही मेला व रावत नाच लोक परंपरा से सक्ती की पुरानी पहचान रही है।‌ ग्रामीण अंचलों में और भी ज्यादा उत्साह के साथ लोग लोक परंपराओं को अपने अंदर समेटे हुए हैं ।‌ सक्ती निवासी व यादव होटल के संचालक राजेश यादव ने कहा यह मन को आनंदित करने वाला है कि हमारी आज की युवा पीढ़ी अपनी परंपराओं से जुड़ी हुई है। युवा पीढ़ी के अपनी परंपरा व संस्कृति से जुड़े होने से हमारी परंपराओं एवं मान्यताओं को मजबूती मिलती है। गौरतलब हो कि सक्ती नगर के युवा रौताही मेले शुरू होने के पूर्व संध्या पर परंपरागत वेशभूषा से सुसज्जित होकर रावत नाच लोक नृत्य परंपरा की विशिष्ट गायन‌ व नृत्य शैली का प्रदर्शन घरों-घर करते नजर आए। विदित हो कि इस साल सक्ती का सुप्रसिद्ध रौताही मेले का आयोजन एक नई जगह सक्ती रेलवे स्टेशन के समीप निर्माणाधीन गोल्डन रिसोर्ट परिसर में आयोजित की जाएगी।

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