रायगढ़ में बच्चे की हत्या की गुत्थी सुलझी.. चचेरी बहन निकली हत्या की आरोपी
रायगढ़ के स्कूल के अंदर हुई 11 साल के बच्चे की हत्या मामले का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। असल में बहन ने ही पत्थर और धारदार हथियार से हमला कर मार डाला था। उसने छोटे भाई को इसलिए मार दिया, क्योंकि बच्चे के परिजन उसे चोर-चोर कहते थे। मामला कोतरा रोड थाना क्षेत्र का है।
गुरुवार सुबह चिराईपानी निवासी छात्र प्रीतम चौहान (11 वर्ष) का शव गांव के सरकारी स्कूल में ही मिला था। वो किसी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में कक्षा-6वीं का छात्र था। बताया गया कि बुधवार को घर से खेलने जाने का कहकर निकला, लेकिन वापस नहीं लौटा था।
गुरुवार को मिली थी लाश
परिजनों और गांववालों ने रातभर उसकी तलाश गांव में और रिश्तेदारों के यहां की, लेकिन उसका कोई पता नहीं चल सका। गुरुवार सुबह कुछ बच्चे स्कूल परिसर में खेलने के लिए पहुंचे, तो वहीं एक निर्माणाधीन भवन में उसकी लाश देखी थी। जिसके बाद पुलिस को मामले की सूचना दी गई थी। उसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले में जांच शुरू की थी।
युवती के पास मंडराने लगा डॉग
वहीं पुलिस को मौके से धारदार हथियार (गुप्ती) भी मिला था। डॉग हत्या में इस्तेमाल हथियार को सूंघते हुए मृतक के बड़े पिताजी के घर पहुंचा और चचेरी बहन उमा चैहान(19) के पास मंडराने लगा था। डॉग उसी के पास जाकर रुक गया, और लड़की को सूंघने लग गया था। जिसके बाद पुलिस ने युवती को हिरासत में लिया था। मगर पूछताछ में युवती ने पुलिस को गुमराह करना शुरू कर दिया। सख्ती से पूछताछ में उसने अपना अपराध कबूल कर लिया। पुलिस ने बताया कि बच्चा स्कूल के पास बुधवार को खेल रहा था और आखिरी बार उसे अपनी चचेरी बहन के साथ ही देखा भी गया था।
इसलिए मार दिया…
पूछताछ में आरोपी लड़की ने बताया कि मैं प्रीतम के घर जाया करती थी। उसके घर कुछ महीने पहले 10 हजार रुपए की चोरी हुई थी। इसलिए उसके घरवाले मुझे कहते थे कि तुम चोर हो, तुमने हमारे घर में चोरी की है। इसी बात का बदला लेने मैंने प्रीतम को मारा। पुलिस ने लड़की के कबूलनामे के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया है।
शव के पास मिला था खून ही खून
घटना वाले दिन शव के पास खून ही खून पड़ा हुआ मिला था। बच्चे की टीशर्ट पर भी खून लगा हुआ था। शव पर चोट के निशान भी पाए गए थे। घटनास्थल पर धारदार हथियार भी बरामद किया गया था। पुलिस ने बताया कि शव के गले को भी दबाने और सिर पर हथियार से मारने का भी निशान पाया गया था।