मुंगेली : अवैध ईट निर्माण का कार्य जोरो पर…. कार्यवाही का अभाव…जिम्मेदार अधिकारी मौन

मुंगेली। ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर अवैध ईंट भट्ठों का संचालन किया जा रहा है। भट्ठों में ईंट पकाने के लिए पेड़ की कटाई भी की जा रही है। इससे न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि बिजली चोरी और जल स्त्रोत की बर्बादी भी हों रहीं हैं, लेकिन जिम्मेदार विभाग को इसकी कोई परवाह नहीं है।
मुंगेली जिले के लोरमी ब्लाक के सुदूर अंचल से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के गांवों में सत प्रतिशत ईंट भट्ठे अवैध तरीके से चल रहे हैं। इनमें से कुछ भट्ठों को व्यवसायिक रूप से ईंटें बनाकर बेचने का कार्य करते हैं और कुछ ईंट भट्ठे प्रशासनिक अनदेखी का नतीजा है। जिले में लाल ईंट भट्ठा धड़ल्ले से संचालित हों रहे हैं।
जिले के सभी विकासखंड में एक न एक ईंट भट्ठा धधक रही है। इन भट्ठों में न केवल शासन को राजस्व की हानि हो रही है। वहीं, आसपास का वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है। इसके बाद भी खनिज का अमला लाल ईंट भट्ठा को बंद कराने के लिए कोई भी कार्रवाई नहीं कर रही है। जिले के हर ब्लाकों में लगभग 100 से 200 अधिक लाल ईंट भट्ठा संचालित हों रहा है, जबकि लाल ईंट भट्ठा पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हैं।
इसके बाद भी अवैध रूप से ईंट भट्ठा संचालित किया जा रहा है। हर दिन जिले में मजदूरों द्वारा ईंट बनाया जाता है और एक ट्रिप को 8000 रुपये में बेच रहे हैं। एक ट्रिप में 2000 ईंट होता है। बताया जा रहा है कि सबसे अधिक ईंट का संचालन लोरमी विकासखंड के वनांचल क्षेत्रो व नदी किनारे में संचालित किया जा रहा है।
अगर खनिज विभाग द्वारा अवैध ईंट भट्ठे पर कार्रवाई करेंगे,तो इन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध ईंट भट्ठे मिलेंगे। लेकिन कार्रवाई के नाम पर विभाग के हाथ कांप रहे हैं। ईंटों को पकाने के लिए अधिकांश भट्ठा संचालक जंगल की लकड़ियों का इस्तेमाल करते हैं, जिसके चलते हरे-भरे पेड़ों की बेतहाशा कटाई भी की जा रही है।