
“नहीं ले गए तो नहीं गए”: गोली मारने से पहले बेटे को दफनाने पर अतीक अहमद के आखिरी शब्द
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की शनिवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई. हत्या से कुछ समय पहले, उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अतीक अहमद और अशरफ मेडिकल जांच के लिए अस्पताल के लिए ले जाते समय मीडिया से बात कर रहे थे. इसी दौरान अपराधियों ने कैमरे के सामने ही दोनों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरु कर दी और गोली लगने से मौके पर ही दोनों की मौत हो गई.
“नहीं ले गए तो नहीं गए (वे हमें नहीं ले गए, इसलिए हम नहीं गए)” अतीक अहमद के आखिरी शब्द थे, जब उनसे पूछा गया कि उनके बेटे असद के अंतिम संस्कार में नहीं ले जाने पर उनका क्या कहना है. “मेन बात ये है कि गुड्डू मुस्लिम…. (बात ये है कि गुड्डू मुस्लिम…) अशरफ के आखिरी शब्द थे.
वीडियो के मुताबिक दोनों को हथकड़ी लगाकर मेडिकल के लिए ले जाया गया. दोनों के आगे बढ़ने पर मीडियाकर्मियों ने उनसे सवाल किए. अतीक को सिर में पीछे से करीब-करीब प्वाइंट ब्लैंक रेंज से गोली मारी गई. अशरफ को भी गोली मार दी गई.उत्तर प्रदेश के झांसी में एक मुठभेड़ में अतीक अहमद के बेटे असद के मारे जाने के कुछ दिनों बाद, माफिया से नेता बने और उनके भाई अशरफ अहमद शनिवार को प्रयागराज में मेडिकल के लिए ले जाते समय हत्या हो गई. अतीक अहमद 2005 के बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड और इस साल फरवरी में हुए उमेश पाल हत्याकांड में भी आरोपी था.