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नक्सली दहशत की वजह से थमे यात्री ट्रेनों के पहिए:दंतेवाड़ा से किरंदुल नहीं जाएगी दोनों पैसिंजर ट्रेनें, 12 मई तक आवाजाही बंद

छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सल खौफ की वजह से किरंदुल-विशाखापट्टनम पैसिंजर और नाइट एक्सप्रेस ये दोनों ट्रेनों के पहिए थम गए हैं। ये दोनों यात्री ट्रेनें 12 मई तक दंतेवाड़ा से आगे किरंदुल नहीं जाएगी। हालांकि, किरंदुल से लौह अयस्क लेकर विशाखापट्टनम तक मालगाड़ियों की आवाजाही बरकरार रहेगी। ईको (ईस्ट कोस्ट) रेलवे मंडल ने यात्री ट्रेनों के बंद को लेकर आदेश जारी किया है।

दरअसल, नक्सल दहशत की वजह से रेलवे ने यात्री ट्रेनों के परिचालन पर रोक लगाने निर्णय लिया है। एक दिन पहले दंतेवाड़ा-किरंदुल के बीच मालगाड़ी डिरेल हुई थी। रेलवे को संदेह है कि यह नक्सलियों की करतूत है। नक्सलियों का TCOC भी चल रहा है। इसी के तहत रेलवे के अफसरों को आशंका है कि, नक्सली कहीं यात्री ट्रेनों को नुकसान न पहुंचा दें। इसलिए दंतेवाड़ा से किरंदुल के बीच यात्री ट्रेनों के परिचालन पर रोक लगा दिया गया है। ईको रेलवे के डिविजनल कॉमर्शियल मैनेजर एके त्रिपाठी ने आदेश जारी किया है।

नक्सलियों के निशाने पर होता है ट्रैक

किरंदुल-विशाखापट्टनम रेलवे मार्ग हमेशा नक्सलियों के निशाने पर रहा है। पिछले कुछ सालों के आंकड़ों की बात करें तो माओवादियों ने ज्यादातर दंतेवाड़ा जिले के बासनपुर-झिरका के जंगल में रेलवे ट्रैक को नुकसान पहुंचाया है। साल 2021 में नक्सलियों ने रेलवे ट्रैक उखाड़ कर एक पैसिंजर ट्रेन को डिरेल किया था। हालांकि, ट्रेन की रफ्तार कम थी इसलिए ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था। इसके अलावा लौह अयस्क लेकर जा रही कई मालगाड़ियों को भी नक्सलियों ने डिरेल किया है।

पिछले कुछ महीनों में इतने दिन बंद रहा परिचाल

  • नजनवरी महीने में 7 दिन और फरवरी में सिर्फ एक दिन ट्रेन नहीं चली है।
  • नक्सली बंद की वजह से 10 मार्च से 15 मार्च के बीच ट्रेनों का परिचालन बंद रहा। वहीं इसी महीने 23 मार्च से 29 मार्च तक नक्सलियों के साम्राज्यवाद विरोधी सप्ताह के तहत किरंदुल तक ट्रेनें नहीं पहुंची।
  • 25 अप्रैल को माओवादियों ने दंडकारण्य बंद का आह्वान किया था। जिसके चलते 23 अप्रैल से 26 अप्रैल तक यात्री ट्रेनें नहीं चली।
  • 28 अप्रैल से 6 मई के बीच ब्रिज के मेंटेंसन कार्य को लेकर ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया। यह तारीख बढ़ कर 12 मई हो गई थी।
  • जून माह में अग्निपथ विरोध के चलते 19 और 20 जून को ट्रेन बंद रही।
  • इसके अलावा 26 जून से 2 जुलाई तक माओवादियों के आर्थिक नाकेबंदी सप्ताह को देखते ट्रेनों के पहिए थमे थे।
  • 28 जुलाई से 3 अगस्त तक नक्सलियों के शहीदी सप्ताह को देखते हुए ट्रेन के पहिये थम गए थे।
  • 15 और 16 अगस्त को भी ट्रेन का परिचालन रोक दिया गया था।
  • नक्सलियों के भाईचारा दिवस को देखते 7 सितंबर से 10 सितंबर तक यात्री ट्रेनें किरंदुल नहीं गई। बाद में यह तारीख बढ़कर 20 सितंबर हो गई थी।
  • नक्सलियों के कश्मीर डे के चलते 25 से 27 अक्टूबर तक ट्रेनों के पहिए थमे रहे। यात्री ट्रेनें दंतेवाड़ा से आगे किरंदुल नहीं आई।
  • 21-22 अप्रैल 2023 को नक्सली अपना कुछ दिवस मना रहे थे। जिसको देखते हुए रेलवे ने यात्री ट्रेनों का परिचालन न करने का निर्णय लिया था।

PRITI SINGH

Editor and Author with 5 Years Experience in INN24 News.

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