कुसमुंडा में कोल डस्ट के साथ उड़ेगा राखड़, एनटीपीसी ने खड़ा किया राखड़ का पहाड़
सतपाल सिंह
कोरबा – आबादी क्षेत्र से लगे एनटीपीसी रेल के किनारे बड़ी मात्रा में राखड़ पाटने का काम चल रहा है। बीते कुछ माह से शुरू हुआ यह कार्य अपने चरम पर है। राखड़ के इस पहाड़ को दूर से देखा जा सकता है।NTPC प्रबंधन ने कई दशक पूर्व दर्री क्षेत्र स्थित अपने नेशनल थर्मल पावर प्लांट (एनटीपीसी) में कोयला आपूर्ति के लिए गेवरा खदान तक रेल लाइन बिछाया। जिसके लिए बड़ी मात्रा में जमीन अधिग्रहण किया गया। लोगों ने बिजली उत्पादन के लिए देश हित में अपनी जमीन दी। जिसके बाद दर्री से गेवरा तक अप एंड डाउन दो दो रेल लाइन बिछाई गई। रेल लाइन बिछाने के बाद रेल लाइन के दोनों ओर कुछ जमीन बच भी गई। जो आज तक रिक्त है। इसी रिक्त जमीन पर एनटीपीसी प्रबंधन अपने संयंत्र से निकलने वाले राखड़ को बड़ी भारी मात्रा में यहां रेल लाइन के किनारे पाट रहा है। आसपास रहने वाले लोगों को पहले लगा कि कुछ गढ्ढे भरने अथवा नए किसी निर्माण के लिए ये राखड़ यहां डाले जा रहें है परंतु दिन रात एक कर यहां भारी भरकम ट्रकों में राखड़ डंप होता चला गया और अब हाल यह है कि राखड़ का पहाड़ खड़ा हो गया है। इस राखड़ की जद में कई छोटे छोटे तालाब,पेड़ पौधे भी आ गए हैं। जहां राखड़ डंप हो रहा वहां आसपास में लोगों की बड़ी आबादी निवास करती है, निश्चित रूप से इस अवस्था में थोड़ी सी हवा चलने पर राखड़ लोगों के घरों तक पहुंचेगी। उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर डालेगी। इमली छापर, कुचेना मोड,शांति नगर इसके बाद आदर्श नगर कॉलोनी और मनगांव तक इस राखड़ का सीधा असर होगा। कोयला डस्ट खाने वाले लोग अब राखड़ के डस्ट को भी झेलने पर मजबूर होंगे। सवाल यह भी है कि आखिर खुले और आबादी क्षेत्र के इतने करीब राखड़ पाटने की अनुमति पर्यावरण विभाग ने कैसे से दी…? अनुमति है भी या नहीं..? यह भी जांच का विषय है,,फिलहाल पूरे मामले पर पर्यावरण विभाग के अधिकारी से बात हुई है उन्होंने यहां पहुंच कर स्थल जांच उपरांत कार्यवाही की बात कही है। देखें वीडियो.. https://youtube.com/@groundzeronewstube8929?si=xaDN3bBFs9Iidjc_