आरटीआई का घोर अवहेलना करते दिखे ग्राम पंचायत परसदा के सहायक लोक सूचना अधिकारी

*आरटीआई का घोर अवहेलना करते दिखे ग्राम पंचायत परसदा के सहायक लोक सूचना अधिकारी ।*

*सूचना अधिकारी द्वारा बिना पत्र खोले और बिना आवेदन पढ़े कर दिया गया लिफाफा वापस*

कोरबा/पाली (समय दर्शन)
कोरबा जिला के पाली ब्लॉक के अंतर्गत में पड़ने वाली ग्राम पंचायत परसदा के सहायक लोक सूचना अधिकारी ने बिना कोई स्पष्ट कारण बताए बिना लिफाफा खोले और पढ़े बिना लिफाफा वापस कर दिया गया , इससे यह स्पष्ट जाहिर होता है कि ग्राम पंचायत परसदा के सचिव एवं सूचना अधिकारी श्रीमति शारदा यादव अपने भ्रष्ट कार्य प्रणाली को छुपाने के नियत से रजिस्टर्ड डाक द्वारा स्पष्ट पते पर भेजें गए आरटीआई का आवेदन को बिना पढ़े ही वापस कर दिया ।
इस तरह का कार्य करना जनता के मौलिक अधिकारों का घोर हनन है इसमें जनता और प्रशासन के मध्य पारदर्शिता वाली बात कहा रह गई । इससे शासन और सविधान के बनाए नियमों का महत्व ही कहां रह गया । नियम और अधिनियम केवल कागजों में बने के बने रह गए है । भ्रष्ट अधिकारी अपने कार्य क्षेत्र के कार्यकलापों के बारे में जानकारी देना ही नही चाहते है शायद इसीलिए आरटीआई के नियमों का उल्लंघन करते दिख रहे है लोक सूचना अधिकारी ।

लिफाफा वापसी के संबंध में ग्राम परसदा के सहायक लोक सूचना अधिकारी एवं सचिव श्रीमति शारदा यादव जी से उनके द्वारा वापस किए लिफाफे में अंकित किए गए नंबर पर आवेदक एवं आरटीआई कार्यकर्ता दीपक महंत द्वारा वास्तविकता जानने के उद्देश्य से बात किया गया तो संतोष जनक जानकारी उनसे नही मिला, उन्होंने स्पष्ट यह कहा की आपको जिस अधिकारी के पास जाना है जो शिकायत करना है आप कीजिए ।

ज्ञात हो कि ग्राम पंचायत परसदा के सहायक लोक सूचना अधिकारी से पाली के स्थानीय निवासी आरटीआई कार्यकर्ता एवं दैनिक समय दर्शन अखबार के कोरबा जिला के संवाददाता दीपक महंत के द्वारा
ग्राम पंचायत को प्राप्त राशि के उपयोग के संबंध में जानकारी चाहने की कोशिश की गई ,चुकी आवेदक के द्वारा चाही गई जानकारी जनहित से संबंधित है की क्या वास्तविक में सरकार द्वारा ग्राम विकास के लिए आबंटन किए गए राशि का प्रयोग ग्राम परसदा के जनता के सुविधाओं के लिए और ग्राम के विकास के लिए खर्च की जा रही है या नहीं ?
लेकिन आवेदक दीपक महंत के द्वारा रजिस्टर्ड डाक से भेजे आरटीआई पत्र को ग्राम पंचायत के सहायक लोक सूचना अधिकारी ने बिना देखे और बिना कोई स्पष्ट कारण बताए पत्र वापस कर दिया है, डाक विभाग द्वारा डाक वापस प्रेषक को लौटा दिया गया । जबकि सूचना के अधिकार अधिनियम में ऐसा कही भी वर्णित नही है की लोक सूचना अधिकारी आरटीआई के तहत डाक से प्राप्त आवेदन को लौटा दे या आरटीआई पत्र लेने से इंकार करे ।
आखिर क्यों लोक सूचना अधिकारी द्वारा सूचना के अधिकार कानून का उलंघन किया जा रहा है ।क्या लोक सूचना अधिकारी द्वारा कागज़ स्तर पर डाटा तैयार कर नही रखा गया है । या फिर जानकारी देने से कतरा रहे है । जबकि सूचना के अधिकार अधिनियम का मूल उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाना , सरकार के कार्य में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ावा देना ,भ्रष्टाचार को नियंत्रित करना और वास्तविक अर्थों में हमारे लोकतंत्र को लोगो के लिए कामयाब बनाना है ।
परंतु ग्राम पंचायत परसदा के लापरवाह लोक सूचना अधिकारी शायद इन सब बातों से वंचित है या शायद उन्हें इन विषयों में पढ़ाया नही गया होगा । या तो फिर ग्राम पंचायत के विकास में कही भ्रष्टाचार तो नही कर रहे है । सायद यही कहा जा सकता है इनके रवैए को देख कर ।
इन सभी बातों को ध्यान में रखकर ग्राम पंचायत परसदा से जानकारी नहीं मिलने के आभाव में और आरटीआई कानून के घोर अवहेलना करने के कारण आवेदक दीपक महंत के द्वारा इस संबंध में संबंधित प्रथम अपिलीय अधिकारी के समक्ष प्रथम अपील प्रस्तुत कर इस संबंध में राज्य सूचना आयोग को सूचित कर नियमानुसार कार्यवाही हेतु निवेदन किया जाएगा ।

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